साहित्य: रोमांस जिनका ओढ़ना-बिछौना था ...: रेहान फजल निसार अख्तर एक बोहेमियन शायर थे. अगर यह कहा जाए कि तरक्कीपसंद शायरी के स्तंभ कहे जाने के बावजूद वो बुनियादी तौर पर एक रूमानी लहजे...
दुनिया : मेरी दृष्टि से My:World View
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Indian Philosphy: एक नयी संस्कृति की नींव डालें: भारतवर्ष अतीत में वैभवशाली रहा है, लेकिन एक मनुष्य अपनी आवश्यकता से अधिक धन का संग्रह न करे, प्रभुता स्थापित करने की मनोवृत्ति से ग्रस्त न ...
हमारा पड़ोस : एक विफल देश की राजनीतिक बिसात: बीते दशक में जनयुद्ध की समाप्ति के बाद पिछले कई वर्षो से नेपाल में कोई स्थिर सरकार नहीं बन पायी है और संविधान सभा के गठन का मामला लगातार लट...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : बेचैन समाज: आज 21वीं सदी के द्वितीय दशक में समस्त राष्ट्रों की विकसित पूंजी, विज्ञान और तकनीकी समेत एकाधिकार बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेट कंपनियों के एकमात्र...
राष्ट्रीय जागरण : कानपुर: जनता ने पार्षद को धकेला कूड़े में: कानपुर के पटेल नगर इलाक़े के लोगों ने ऊंचे होते जा रहे कूड़े के ढेर और उमड़ती हुई नालियों से परेशान होकर वहां के पार्षद को कूड़े के ढेर पर धकेल...
समांतर: आमिर और अमर्त्य को जोड़ता 'सरोकार': बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन में एक बात समान है और वो यह है कि दोनों मृत्युदंड के ख़िलाफ़ हैं...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : वीआइपी दर्जे की चाहत: राजनेताओं की विशिष्ट पहचान को झलकाने वाली संस्कृति का बढ़ावा समय-समय पर गंभीर बहस का मसला बनता रहा है।माना कि माननीयों को उनके कार्य दायित्...
समांतर: चीनी युवाओं में बढ़ती गाँधी साहित्य की लोकप्रियता: मार्टिन लूथर किंग, जेम्स लॉसन, नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा, आंग सान सू ची, अलबर्ट आइंस्टाइन, जॉन लेनन और अल गोर, इन सब व्यक्तियों में एक बात स...
हमारे राज्य : टैबलेट देने से मुकर गई अखिलेश सरकार?: लखनऊ के राजकीय इंटर कॉलेज के कक्षा 11वीं के छात्र विशाल कनौजिया, प्रमोद कुमार और प्रशांत टैबलेट देने की योजना फ़िलहाल रोकने की उत्तर प्रदेश ...
राष्ट्रीय जागरण : नहीं रहे चर्चित गायक पीट सीगर: अमरीका के लोकगायक और सामाजिक कार्यकर्ता पीट सीगर की 94 साल की उम्र में मौत हो गई है. उनके पोते ने बताया कि कुछ समय बीमार रहने के बाद न्यूयॉर...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : ‘संवेदी पुलिस’: सवाल है ‘संवेदी पुलिस’ किसकी जरूरत है? पुलिस विभाग की? राजनीतिकों की? समाज की? स्त्रियों की? लोकतंत्र की? एक वर्ष का समय कम नहीं होता, बश...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संदेश के मायने: गणतंत्र दिवस की पूर्व-संध्या पर देश के नाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संदेश में कई बातें ऐसी थीं जिन्हें लेकर विवाद उठना स्वाभाविक है। उन...
आधी आबादी: उत्पीड़न की जड़ें: आम धारणा यही है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में महिला का भी दोष होता है या यह उसके उकसाने के कारण हुआ होगा। महिलाओं के उत्पीड़न की ...
आधी आबादी: गूगल बनाएगा महिलाओं के लिए इंटरनेट आसान: भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं लेकिन इनमें केवल एक तिहाई ही महिलाएं हैं. उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाली आरती ...
जीवन शैली: भारत बना 'मधुमेह का गढ़’
जीवन शैली: भारत बना 'मधुमेह का गढ़’: दिल्ली में रहने वाले पंकज वधावन ने अपने बेटे राघव के लिए एक ही सपना देखा था. पंकज चाहते थे कि राघव एक बेहतरीन खिलाड़ी बने, क्योंकि वो खुद पा...
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